एक नवंबर से डीपीटी व टीडी के लिए स्कूल में चलेगी वैक्सीनेशन ड्राइव
10 नवंबर तक चलेगा अभियान, सीएमओ ने अभिभावकों को प्रेरित करने पर दिया ज़ोर
कानपुर 29 अक्टूबर 2023
डिप्थीरिया (गलघोंटू) की रोकथाम व बचाव के लिए स्कूल जाने वाले बच्चों को एक नवंबर से डिप्थीरिया-पर्ट्यूसिस-टिटनेस (डीपीटी) व टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाने का विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। स्कूल आधारित यह विशेष टीकाकरण अभियान एक नवंबर से 10 नवंबर तक जनपद के समस्त सरकारी व निजी क्षेत्र के स्कूलों में चलेगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आलोक रंजन ने बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों में डिप्थीरिया बीमारी के मामले प्रकाश में आने के कारण शासन द्वारा पूरे प्रदेश में यह पहल की गयी है । अभियान से पहले संबंधित स्कूलों के शिक्षकगण, अभिभावक बैठक और स्कूल डायरी के जरिये अभिभावकों से टीकाकरण के लिए सहमति लेंगे। जो अभिभावक सहमति नहीं देंगे उन्हें प्रेरित कर उनके बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा । सीएमओ ने अपील की है कि स्कूल के प्रधानाचार्य व अध्यापक इस अभियान में रुचि दिखाएं, जिससे यह अभियान शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सके।
एसीएमओ व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यूबी सिंह ने बताया की स्कूल आधारित टीकाकरण अभियान एक से 10 नवम्बर के मध्य गैर टीकाकरण दिवस जैसे दो व तीन नवम्बर एवं छह व सात नवम्बर को समस्त राजकीय एवं निजी स्कूलों में आयोजित किया जायेगा। छूटे हुये विद्यालयों या बच्चों को आच्छादित करने के लिए नौ एवं 10 नवम्बर को टीकाकरण सत्र नियोजित किये जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) को सहयोग हेतु संपर्क किया जा चुका है।
डॉ सिंह ने बताया है कि कक्षा एक में अध्ययनरत पाँच वर्ष तक के बच्चों को डीपीटी सेकेंड बूस्टर डोज, कक्षा पाँच में अध्ययनरत 10 वर्ष तक के बच्चों को टीडी प्रथम डोज़, कक्षा 10 में अध्ययनरत 16 वर्ष तक के बच्चों को टीडी बूस्टर डोज़ से आच्छादित किया जायेगा। अभियान के दौरान पड़ने वाले नियमित टीकाकरण दिवसों (बुधवार व शनिवार) में सभी स्कूल न जाने वाले एवं अन्य डीपीटी सेकेंड बूस्टर, टीडी प्रथम एवं टीडी बूस्टर डोज़ वैक्सीन से छूटे हुये बच्चों को ड्यू टीके से आच्छादित किया जायेगा। प्रत्येक टीकाकरण सत्र पर एडवर्स इवैंट फोलोविंग इम्यूनाइजेशन (एईएफ़आई) प्रबंधन के लिए आवश्यक किट एवं डीपीटी के पश्चात् बुखार के प्रबन्धन के लिए आवश्यक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है ।
इसलिए जरूरी है डीपीटी व टीडी का टीका
डॉ सिंह ने बताया कि डीपीटी यानि डिप्थीरिया, पर्ट्युसिस (काली खांसी) और टिटनेस से अपने बच्चों को बचाने के लिए 16 से 24 माह पर इसकी पहली डोज़ और पाँच से छह वर्ष पर दूसरी या बूस्टर डोज़ अनिवार्य रूप से लगवाएं। इसके साथ ही टीडी यानि टिटनेस डिप्थीरिया से बचाव के लिए इसकी पहली डोज़ 10 वर्ष एवं दूसरी या बूस्टर डोज़ 16 वर्ष पर अनिवार्य रूप से लगवाएँ। लोगों को यह संदेश अवश्य दें कि टीकाकरण के बाद कुछ बच्चों में बुखार और इंजेक्शन वाली जगह पर लालिमा या सूजन की दिक्कत हो सकती है । यह सामान्य प्रतिक्रिया है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसा होने पर एएनएम से सलाह लेना है।
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